इस बार 18 दलों में 1080 यात्री कैलास मानसरोवर जाएंगे। नए कार्यक्रम के अनुसार, अब यात्रा 25 के बजाय 24 दिन में पूरी होगी।
नैनीताल। कैलास मानसरोवर यात्रा के उच्च हिमालयी क्षेत्र से गुजरने वाले मार्ग पर भारी भूस्खलन की वजह से यात्रा कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा है। पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के अनुरोध पर यात्रा हेलीकॉप्टर से कराने पर विदेश मंत्रालय ने सहमति जता दी है। रविवार को अल्मोड़ा पहुंचे 57 तीर्थयात्रियों के दूसरे दल को धारचूला के बजाय पिथौरागढ़ भेजा गया। यात्री अब हेलीकॉप्टर से सीधे गूंजी भेजे जाएंगे। इस वजह से अब यात्रियों को धारचूला से लखनपुर, गर्बाधार, बूंदी तक की 32 किमी पैदल दूरी नहीं नापनी पड़ेगी। गुंजी से दल नाभी, सेवलापानी, नाभीढांग व लिपूपास जाएगा। इसके बाद तिब्बत में प्रवेश करेगा।एक हेलीकॉप्टर रिजर्व में रखा जाएगा। यदि मौसम अनुकूल रहा तो हेलीकॉप्टरों के यहां पहुंचते ही सोमवार सुबह दूसरे दल यात्रियों को गुंजी भेजा जाएगा। यात्रा संचालक कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक धीरज गब्र्याल ने बताया कि मौसम को देखते हुए उच्च हिमालयी क्षेत्र के यात्रा पड़ावों में 25 फीसद अतिरिक्त खाद्यान्न सामग्री का इंतजाम किया गया था। अब यात्री बूंदी नहीं जाएंगे। एमडी के अनुसार, यात्रा का पहला दल गूंजी पहुंच गया है। मेडिकल परीक्षण के बाद उन्हें आगे रवाना किया जाएगा। मार्ग की संवेदनशीलता को देखकर ही हेलीकॉप्टर से कैलाश यात्रियों को गुंजी तक ले जाने की योजना है।